दिल्ली दंगों में क्या दिल्ली पुलिस जांच को लेकर किसी खास दिशा में जा रही है? क्या उनलोगों की गिरफ्तारी ज्यादा हो रही है जिनका संबध नागरिकता कानून के विरोध में हुए आंदोलन से है. क्या इन लोगों को जानकर निशाना बनाया जा रहा है? द हफिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में जामिया विश्वविद्यालय की 27 साल की छात्रा सफूरा जरगर के पति के हवाले से लिखा गय़ा है कि 10 अप्रैल को पहली बार पता चलता है कि दिल्ली दंगों को लेकर सफूरा के विरोध में जांच चल रही है. पुलिस उनसे पूछताछ करना चाहती है. सफूरा पर दिल्ली दंगों के साजिश रचने का आरोप है. सफूरा के एडवोकेट ने इस रिपोर्ट में कहा है कि वो चांदबाग की तरफ से गुजरी तो थी लेकिन उन्होंने वहां कोई भाषण नहीं दिया था. दिल्ली पुलिस कहती है कि 23 फरवरी को चांदबाग में सफूरा ने भाषण दिया था. बाद में पुलिस की तरफ से सफूरा के खिलाफ UAPA भी लगा दिया गया. वहीं कपिल मिश्रा का नाम अब तक हुए किसी भी चार्जशीट में नहीं रखा गया है.