गांव जैसा क्या बचा था कि गुड़गांव के गुड़गांव नहीं रहने पर कई लोग भावुक हो रहे हैं। गुड़गांव ही तो गुड़गांव नहीं रहा, वहां के मॉल, सुपर मॉल, होटल, अपार्टमेंट सब तो हैं ही। वहां अगर कुछ नहीं था तो गांव ही नहीं था। मगर गांव के बदले ग्राम आ गया। शहरों पर दावेदारी हमारे गांव इतनी आसानी से नहीं छोड़ने वाले।