आप केंद्र से लेकर राज्यों तक के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रियों के नाम देखेंगे तो ज़्यादातर मुसलमान ही होंगे. केंद्रीय स्तर पर अल्पसंख्यक मामलों के सभी मंत्री एक ही समुदाय से आते हैं. यानी अल्पसंख्यक मंत्रालय में भी दबदबा उसका है जो अल्पसंख्यकों में बहुसंख्यक हैं. अच्छा होता कि इस मंत्रालय का भार सिख समुदाय, जैन समुदाय या पारसी या बौद्ध समाज के सांसदों को भी मिलता.