नफरत की भाषा यानी हेट स्पीच और बांटने वाली भाषा हमारे नेताओं की विशेषता रही है. लेकिन हाल के सालों में VIP हेट स्पीच का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा है. शायद ही कोई हफ़्ता या महीना ऐसा गुजरता हो जब कोई बड़े नेता, MP मंत्री या मुख्यमंत्री तक कोई बदज़ुबानी ना कर देते हैं. किसी में हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा होता है, कोई सांप्रदायिक रंग लिए होता है. सोशल मीडिया का इस्तेमाल जैसे-जैसे बढ़ा है ये समस्या भी बढ़ती गई है. जाहिर है कि जब नेता जहर की जुबान बोलेंगे तो माहौल खराब होगा ही. पिछले 4 सालों में खास तौर पर माहौल में जहर घुला है. लोग कह सकते हैं कि हमोशा ऐसा रहा है और अगर नेता बदजुबानी करते हैं तो उन्हें सजा भी मिलती है. NDTV की निमीषा जैसवाल ने खास तफ्तीश कर हेट स्पीच का आंकलन किया है. इस खास रिपोर्ट में साफ है कि मोदी सरकार में हेट स्पीच बढ़ी है, 500 फीसदी की बढ़त हुई है.