जब सीमा से खबरें देश से देस में पहुंचती है तो सिर्फ शहीद हुए जवानों के घर नहीं दिखते और परिवार नहीं दिखते बल्कि वो खाली घर भी दिखता है. उन नौजवानों के हौसले कितने बड़े होते हैं जिनके पास गांव में जमीन न हो वो सरहद की जमीन बचाने के लिए अपनी जान दे देते हैं.इससे बड़ा बलिदान क्या हो सकता है? इस कारण ही इसे सर्वोच्च बलिदान भी कहते हैं. नामों की सूची आ गयी है कोई 7-8 राज्यों के जवान हैं. और 16 से अधिक जिलों के हैं. नामों से गजरते हुए आप उन कस्बों और गांवों को देख सकते हैं. उनके घरों को देख सकते हैं. उनके सपनों को देख सकते हैं. और समझ सकते हैं कि गांव ही काम आ रहा है. मजदूरों के भी सैनिकों के भी.