दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए घर खरीदारों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम ही रहा है। डीडीए पर खराब क्वालिटी का कंस्ट्रक्शन और कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी का आरोप लगता रहा है। साथ ही डीडीए में भ्रष्टाचार का मुद्दा भी बार-बार उठता रहा है। डीडीए में बदलाव सुझाने के लिए बने मधुकर गुप्ता पैनल ने अपनी रिपोर्ट शहरी विकास मंत्रालय को सौंप दी है।