सुप्रीम कोर्ट के एक फैंसले से देश के एक बड़े हिस्से में बेचैनी है. 20 मार्च को
सुप्रीम कोर्ट ने तीन दशक पुराने अनुसूचित जन-जाति तथा जन-जाति अत्याचार
निवारण अधिनियम या एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर फैसला सुनाया कोर्ट ने कहा कि अब आरोप लगते ही गिरफ्तारी नहीं होगी. किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी से पहले एक वरिष्ट अधिकारी की मंजूरी जरूरी होगी. कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी निजी कर्मचारी है तो गिरफ्तारी तभी होगी जब एसएसपी स्तर के अधिकारी की मंजूरी मिल जाए. देखिए मुकाबला का यह खास शो अखिलेश शर्मा के साथ.