देश भर के दूर दराज के इलाकों में शिक्षा के साथ साथ अगर किसी चीज की सबसे ज्यादा कमी है तो वो हो हेल्थकेयर यानी स्वास्थ्य सेवाओं की. आजादी के इतने वर्षों बाद भी उन इलाकों में अच्छे इलाज की सुविधा उपलब्ध नहीं है. शहरों की तस्वीर पिछले दो दशक में कुछ बदली है और बड़े निजी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिलना शुरू हो गया. लेकिन निजी अस्पतालों और महंगे इलाज को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या यह केवल एक बिजनेस है या देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इसका कोई फर्क पड़ रहा है.