अपनी बात मनमाने के लिए अब हर कोई सड़क पर है किसान हों व्यापारी हों या फिर छात्र ही क्यों न हो. शायद अब सरकार को तरीका भी यही समझ आने लगा है यूं तो सरकार किसी की सुन नहीं रही है. 28 मार्च को शिक्षक और छात्र फिर से चिलचिलाती धूप में हजारों की संख्या में दिल्ली की सड़कों पर उतरे.